नहीं | अभी नहीं होगा अवसान
अभी तो मुझे मांगना है
आकाश से खुलापन और
धरती से द्रढ़ता
पानी से तरलता
और पवन से श्वांस
फिर बनानी है
एक चिड़िया
जो नापेगी
सारा आकाश
अभी तो मुझे मांगना है
आकाश से खुलापन और
धरती से द्रढ़ता
पानी से तरलता
और पवन से श्वांस
फिर बनानी है
एक चिड़िया
जो नापेगी
सारा आकाश