Sunday, December 4, 2011

झर गये सुमन

  रीते सम्बन्ध सभी
 झर गये सुमन
 शब्दों के ठूँठ पर
 भटक रहा मन 
 खोल दिए हमने 
 अर्थों के द्वार
 शब्दों का चाबुक
 अर्थ तार तार
 छिप गये जँगल में
 भाव के हिरन
 खाली है बाँसुरी
  लहरें निस्पंद
 भटक गयी कजरी
 खो गया सावन 
 पीपल की छाँव में
 सुलग रहा मन
 रीते ..........